दिल्ली एनसीआर में शुक्रवार सुबह से ही हल्के बादल छाए रहे और दोपहर के वक्त कई जगहों पर तेज आंधी के साथ बारिश देखने को मिली. तेज हवाओं के साथ बारिश की वजह से दिल्ली वालों को चिलचिलाती गर्मी से थोड़ी राहत मिली. मौसम विभाग ने आशंका जताई है कि शनिवार को भी ऐसा ही मौसम बने रहने के आसार हैं. हालांकि, इस दौरान तापमान में ज्यादा कमी होने की संभावना नहीं है. अगले 3-4 दिनों में तापमान फिर से 44 डिग्री तक जा सकता है.
मानसून के आने से पहले ही दिल्ली में बारिश से यहां रहने वाले लोगों को लू के थपेड़ों से राहत मिली है. दिन की शुरुआत में कई जगहों पर गर्मी भी महसूस की गई है लेकिन दोपहर को ठंडी तेज हवाओं ने मौसम को खुशनुमा कर दिया. दिल्ली एनसीआर में अगले तीन दिनों तक बादल छाए रहने के आसार हैं. हालांकि इसके बाद 27 जून तक बारिश के आसार बन रहे हैं. दिल्ली में शुक्रवार को ज्यादातर जगहों पर अधिकतम तापमान 40 डिग्री के नीचे ही रिकॉर्ड किया गया.
दक्षिण-पश्चिम मानसून की बात करें तो करीब 10 दिन तक ठहरे रहने के बाद इसने मध्य प्रदेश में एंट्री की है जिसकी वजह से प्रदेश के कई इलाकों में तेज आंधी के साथ जोरदार बारिश हुई है. बारिश का सिलसिला प्रदेश में पिछले करीब 2 दिन से जारी है. मध्य प्रदेश से पहले मानसून महाराष्ट्र, विदर्भ, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के ज्यादातर इलाकों में पहुंच गया. मौसम विभाग ने भोपाल इंदौर समेत प्रदेश के 14 जिलों मे भारी बारिश की संभावना बताई है.
मानसून की हालत
भारत में सबसे पहले 19 मई को मानसून अंडमान निकोबार द्वीप समूह पर पहुंच गया था, इसके बाद मानसून समय से दो दिन पहले ही केरल पहुंच गया. इसके बाद 12 से 18 जून तक मानसून ठिठक कर रह गया जिसकी वजह से हरियाणा, पंजाब, दिल्ली एनसीआर, बिहार, उत्तर प्रदेश समेत कई उत्तर भारत के राज्यों में हीटवेव की स्थिति बनी रही और चिलचिलाती गर्मी से लोग बेहाल रहे. 12 जून तक मानसून केरल, कर्नाटक, गोवा, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना के साथ-साथ महाराष्ट्र के निचले हिस्सों तक पहुंच गया था. 18 जून तक की बात करें तो मानसून ओडिशा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों तक पहुंच गया था. मैसम विभाग का अनुमान है कि इस साल जून में बारिश औसत से कम रह सकती है.